नो पूछो सवालना जवाबों की उमीद रखोमोहब्बत है तो सिर्फ़मोहब्बत की उमीद रखो
Category Archives: Hindi poem
Dhund Hai, Dhoop hai
धुँध हैकी धूप हैसाँझ हैकी रूप हैरूप हैतो ढल जाएगाख़्वाब हैतो फिर आएगामुझे मत उठानामुझे सोने दोमुझे मेरे ख़्वाबों मेंरहने दोधूप मेंधुँध में
Adhuri Tasveer
तस्वीर बनीथोड़ी अधूरीशायद कोई रंग रह गयाजो मेरे पास था ही नहींउन्हें ढूँढने निकला हूँ सुबह की घास में कुछसमंदर सा हराढलती साँझ मेंवो मायूस लाल रंग वो ऊँचे आसमान मेंवो गहरा नीलावो हस्ते कमल मेंमुस्कुराता हुआ पीला वो टूटते लहर मेंमैला सा सफ़ेदऔर उस पिघलती बर्फ़ वालाचमकीला सफ़ेद हर अनोखा रंग समेट करवहाँ पहुँचाContinue reading “Adhuri Tasveer”
Khwabon ka kaphila
ऐसा कौनसा ख़्वाब है जो सच्चा ना लगा ऐसा कौनसा मौक़ा है जो मुमकिन ना लगा पर सचाई और ख़्वाब में शायद नींद खुलने का फ़रक है नींद खुली और आँखें मलि आँखों के मैल के साथ सारे ख़्वाब भी धूल गए दिन की भाग दौड़ में वो मौक़ा भी खो गया हक़ीक़त बनने काContinue reading “Khwabon ka kaphila”
Amma ka phone aaya
अम्मा का फ़ोन आयाहाल चाल पूछामौसम का हाल भी समझाफिर कुछ और कहना चाहातो हमने कहाआज थोड़ा व्यस्त हूँकल काल करूँगा अम्मा चुप हो गयीकहते कहते रुक गयीऐसा हर बार सुना थापर इस व्यस्त होने का तर्कउनको कुछ विपरीत सा लगाकई सवाल मन में उठेकल और आज में फ़रकबहुत गहरा नज़र आया बेटा, ये कैसाContinue reading “Amma ka phone aaya”
Shakti hoon, Saksham hoon
मैं कौन हूँजानती हूँकिसी नाम से सीमित नहीं क्या चाहती हूँजानती हूँकिसी सहारे की ज़रूरत नहीं किसकी तलाश हैजानती हूँमें अपने आप में पूरी हूँ, ये मानती हूँ देवी हूँ, पूजा होती है मेरीजानती हूँपर बस औरत रहना चाहती हूँ मेरी फ़िक्र है तुम्हेंमैं जानती हूँपर अपना ख़्याल खुद रखना जानती हूँ शक्ति हूँसक्षम हूँऔरतContinue reading “Shakti hoon, Saksham hoon”
Doston ki Mehfil
दोस्तों की महफ़िल हैछलकेंगे पैमानेक़िस्सों का सिलसिला चलेगाबनेंगे कई फ़साने वक्त नया हैनए दोस्त, नए याराने हैंपर जब भी मिलेंगे वो दोस्तगूंजे वही तराने हैं कई साल पुरानी बात हैकई साज़ और ताल मिलाने हैंफिर वहीं से शुरू करेंगेवही रस्ते वही मोड़ पुराने है कुछ तो है जो जोड़े रखता हैरिश्ता तो कोई नहीं हैवक़्तContinue reading “Doston ki Mehfil”
Aakhon ka Kasur
ये आँखेंसब देखती हैक़सूर क्या इनका हैमन का शीशा हैजो बिखरा हुआ है कौन सी बातें हैंजो कहें हमजो अछी लगेंशब्दों का ज़ायक़ाकुछ बिगड़ा हुआ है सारा जहां ज़हन में हैक्यूँ फ़िज़ूलजमाने से ख़फ़ा हैंमन का चश्मा हैजो ज़रा पोशिदा है
Social Distancing
शायद मुमकिन नहींफिर भी कोशिश कर लेता हैये दिल, समझता ही नहीं है मर्ज़ ऐसा हैकी दूरी हैदिलों की करीबी कुछ कम तो नहीं दूर होफिर भी तुम्हारा साथ हैये भी कुछ कम तो नहीं है
Bouquet of Life
ये ज़िंदगी क्या है पलों का गुलदस्ता हसीन पल तुम्हारे साथ गुज़रे लो ज़िंदगी हो गयी